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*विद्यार्थी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गंभीरता से कर रहे हैं काम- प्राचार्य*

*विद्यार्थी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गंभीरता से कर रहे हैं काम- प्राचार्य*
 *जिला स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विद्यार्थियों ने दिखाया कौशल*
पंचकूला, 23 अक्तूबर – ( नाजिया फारूकी ) राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला में हरियाणा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा प्रायोजित जिला स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, हरियाणा के तहत किया गया। प्रतियोगिता की समन्वयक रसायन विज्ञान विभाग की प्रोफेसर मीनाक्षी निर्माण रही। संयोजक भौतिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सरोज और सह-संयोजक रसायन विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर अंकिता रही।

प्रतियोगिता में राजकीय पीजी कॉलेज सेक्टर-1 पंचकूला, राजकीय पीजी महिला महाविद्यालय सेक्टर-14 पंचकूला, श्रीमती अरुणा आसफ अली राजकीय पीजी महाविद्यालय कालका और राजकीय महाविद्यालय बरवाला के कुल 34 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के विषयों में "सतत कृषि का महत्व", "प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी", "साइबर अपराध और इसकी रोकथाम", "नवीकरणीय ऊर्जा: आधुनिक दुनिया के लिए इसका महत्व" और "दूध उत्पादन को बढ़ाने में विज्ञान की भूमिका" शामिल रहे।

मुकाबले का निर्णय रिटायर्ड प्राचार्य अरुण जोशी (वनस्पति विज्ञान, राजकीय कॉलेज अंबाला कैंट), रिटायर्ड एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुक्मणि (रसायन विज्ञान, राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टर-14, पंचकूला), और रिटायर्ड प्राचार्य डॉ. महेंद्र सिंह श्योराण (भौतिकी, राजकीय कॉलेज अंबाला कैंट) ने किया। जजों ने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित किया।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर-1 पंचकूला के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सिवाच ने निर्णायकों और छात्रों का स्वागत करते हुए कहा, "विद्यार्थियों की उत्साही भागीदारी यह दर्शाती है कि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गंभीरता से काम कर रहे हैं। इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ उनके लेखन कौशल को निखारने और ज्ञानवर्धन के लिए बेहद आवश्यक हैं।"

प्रतियोगिता के परिणामस्वरूप सिमरन, साक्षी चक्रधारी, शिवानी, श्रीराम, दिव्या शर्मा, यशिका, सार्थक परमार, पूजा, दीपिका शर्मा और अंशिका को शीर्ष दस में चुना गया। कार्यक्रम का संचालन बॉटनी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. नीरज ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन भौतिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. विधि मान ने किया।

पूरे विज्ञान विभाग ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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